कुछ देर बैठी रही पास, और फिर उठ कर चली गई गुरुर तो देखो तन्हाई का ये भी बेवफ़ा हो कर चली गई. - Tanhai Shayari

कुछ देर बैठी रही पास, और फिर उठ कर चली गई गुरुर तो देखो तन्हाई का ये भी बेवफ़ा हो कर चली गई.

Tanhai Shayari