ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है, ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है इफ़्तिख़ार आरिफ़। - Tanhai Shayari

ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है, ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है इफ़्तिख़ार आरिफ़।

Tanhai Shayari