कांटो सी दिल में चुभती है तन्हाई, अंगारों सी सुलगती है तन्हाई, कोई आ कर हमको जरा हँसा दे, मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई। - Tanhai Shayari

कांटो सी दिल में चुभती है तन्हाई, अंगारों सी सुलगती है तन्हाई, कोई आ कर हमको जरा हँसा दे, मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।

Tanhai Shayari