अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में ! - Shaam Shayari

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में !

Shaam Shayari