रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब, आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को. - Shaam Shayari

रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब, आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को.

Shaam Shayari