आख़िरी बार मैं कब उस से मिला याद नहीं बस यही याद है इक शाम बहुत भारी थी ! - Shaam Shayari

आख़िरी बार मैं कब उस से मिला याद नहीं बस यही याद है इक शाम बहुत भारी थी !

Shaam Shayari