तुझे खोने के दर से तुझे पाया ही नहीं ज़िन्दगी भर तड़पते रहे और तुझे बताया भी नहीं।

तुझे खोने के दर से तुझे पाया ही नहीं ज़िन्दगी भर तड़पते रहे और तुझे बताया भी नहीं।

Majburi Shayari

हमसे भी पूछ लो कभी हाल ए दिल हम
भी कभी कह सके की दुआ है आपकी !

हमसे भी पूछ लो कभी हाल ए दिल हम भी कभी कह सके की दुआ है आपकी !

दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत
यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !

दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !

दुआ करो वो मुझको मिल जाए यारों सुना है दोस्तों की दुआओं में फरिश्तों की आवाज होती है !

दुआ करो वो मुझको मिल जाए यारों सुना है दोस्तों की दुआओं में फरिश्तों की आवाज होती है !

खुदा से इतनी सी रजा है मांगी तेरी सलामती की दुआ है मांगी !

खुदा से इतनी सी रजा है मांगी तेरी सलामती की दुआ है मांगी !

जब भी हाथ उठा कर दुआ मांगते हैं तेरी ही खुशी बेइंतहा मांगते हैं !

जब भी हाथ उठा कर दुआ मांगते हैं तेरी ही खुशी बेइंतहा मांगते हैं !

दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !

दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !

तुम्हारा तो झूठ भी इतना सच्चा होता है की, हम हर बार आंख बंद करके यकीं कर लेते हैं।

तुम्हारा तो झूठ भी इतना सच्चा होता है की, हम हर बार आंख बंद करके यकीं कर लेते हैं।

इतना भी फायदा न उठाओ  किसी की अच्छाई का  की वो बुरा बनने के लिए  मजबूर हो जाये।

इतना भी फायदा न उठाओ किसी की अच्छाई का की वो बुरा बनने के लिए मजबूर हो जाये।

मै क्या किसी को रास्ता दिखाऊंगा मै तो खुद भटक रहा हूँ मंजिल की तलाश में !

मै क्या किसी को रास्ता दिखाऊंगा मै तो खुद भटक रहा हूँ मंजिल की तलाश में !

भूल जाने की तेरी मजबूरी हे तो मेरी भी आदत हे तुजे याद रखने की।

भूल जाने की तेरी मजबूरी हे तो मेरी भी आदत हे तुजे याद रखने की।

नाकाम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम मजबूर हैं कि लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम !

नाकाम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम मजबूर हैं कि लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम !

वो मेरा बहम था की वो मेरे साथ है वो चलता तो मेरे साथ था मगर किसी और की तलाश में।

वो मेरा बहम था की वो मेरे साथ है वो चलता तो मेरे साथ था मगर किसी और की तलाश में।

थक जाता हु अनकहे शब्दों के बोझ से पता नहीं चुप रहना समझदारी हे या मजबूरी।

थक जाता हु अनकहे शब्दों के बोझ से पता नहीं चुप रहना समझदारी हे या मजबूरी।

हमारी शरारत से कही रूठ न जाना हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना !

हमारी शरारत से कही रूठ न जाना हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना !

मसला ये नहीं की गम कितना है मुद्दा ये है की परवाह किसको है।

मसला ये नहीं की गम कितना है मुद्दा ये है की परवाह किसको है।

कभी कभी न लड़के बेवफा होते हे न  लड़किया बेवफा होती हे और  रिस्ता ख़त्म हो जाता हे मगर ये सिर्फ  मजबूरियों की वजह से।

कभी कभी न लड़के बेवफा होते हे न लड़किया बेवफा होती हे और रिस्ता ख़त्म हो जाता हे मगर ये सिर्फ मजबूरियों की वजह से।

हर इन्सान यहा बिकता है कितना सस्ता या कितना महंगा ये उसकी मज़बूरी तय करती है !

हर इन्सान यहा बिकता है कितना सस्ता या कितना महंगा ये उसकी मज़बूरी तय करती है !

सूरत देखूं आंखे देखूं जुल्फें देखूं क्या देखूं कैसे इन आँखों से में इक बार उसे पूरा देखु।

सूरत देखूं आंखे देखूं जुल्फें देखूं क्या देखूं कैसे इन आँखों से में इक बार उसे पूरा देखु।