दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान उसे टूट कर चाहा और चाहा, और चाह कर टूट गए। - Majburi Shayari

दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान उसे टूट कर चाहा और चाहा, और चाह कर टूट गए।

Majburi Shayari