दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान उसे टूट कर चाहा और चाहा, और चाह कर टूट गए।

दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान उसे टूट कर चाहा और चाहा, और चाह कर टूट गए।

Majburi Shayari

थक जाता हु अनकहे शब्दों के बोझ से पता नहीं चुप रहना समझदारी हे या मजबूरी।

थक जाता हु अनकहे शब्दों के बोझ से पता नहीं चुप रहना समझदारी हे या मजबूरी।

हमारी शरारत से कही रूठ न जाना हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना !

हमारी शरारत से कही रूठ न जाना हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना !

मसला ये नहीं की गम कितना है मुद्दा ये है की परवाह किसको है।

मसला ये नहीं की गम कितना है मुद्दा ये है की परवाह किसको है।

कभी कभी न लड़के बेवफा होते हे न  लड़किया बेवफा होती हे और  रिस्ता ख़त्म हो जाता हे मगर ये सिर्फ  मजबूरियों की वजह से।

कभी कभी न लड़के बेवफा होते हे न लड़किया बेवफा होती हे और रिस्ता ख़त्म हो जाता हे मगर ये सिर्फ मजबूरियों की वजह से।

हर इन्सान यहा बिकता है कितना सस्ता या कितना महंगा ये उसकी मज़बूरी तय करती है !

हर इन्सान यहा बिकता है कितना सस्ता या कितना महंगा ये उसकी मज़बूरी तय करती है !

सूरत देखूं आंखे देखूं जुल्फें देखूं क्या देखूं कैसे इन आँखों से में इक बार उसे पूरा देखु।

सूरत देखूं आंखे देखूं जुल्फें देखूं क्या देखूं कैसे इन आँखों से में इक बार उसे पूरा देखु।

हंसते हुए जो रोया होगा, यकीं मनो बहुत कुछ उसने खोया होगा।

हंसते हुए जो रोया होगा, यकीं मनो बहुत कुछ उसने खोया होगा।

कुछ इस तरह मजबूर तुम भी हो जाओंगे की हीर की मोहब्बत में रांझा था जिस तरह।

कुछ इस तरह मजबूर तुम भी हो जाओंगे की हीर की मोहब्बत में रांझा था जिस तरह।

तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कने भी कहती हैं अपनी मजबूरी का एक पैगाम तो भेज देते !

तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कने भी कहती हैं अपनी मजबूरी का एक पैगाम तो भेज देते !

ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है !

ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है !

कभी दिल के दूर नहीं होने देंगे नजरो से भले ही दूर ये दिल आपको कभी याद न करे इसे कभी इतना मजबूर होने नहीं देंगे।

कभी दिल के दूर नहीं होने देंगे नजरो से भले ही दूर ये दिल आपको कभी याद न करे इसे कभी इतना मजबूर होने नहीं देंगे।

एक इतेफाफ हे मिलना  और बिछड़ना मजबूरी हे  चार दिन की ये जिंदगी में होना जरुरी हे सबका साथ।

एक इतेफाफ हे मिलना और बिछड़ना मजबूरी हे चार दिन की ये जिंदगी में होना जरुरी हे सबका साथ।

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है !

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है !

मुझे पता है तुम खुश हो मेरी जुदाई से अब बस ख्याल रखना तुम्हे मेरे जैसा नहीं मिलेगा।

मुझे पता है तुम खुश हो मेरी जुदाई से अब बस ख्याल रखना तुम्हे मेरे जैसा नहीं मिलेगा।

वो कहते हे बहोत मजबूरिया हे साफ लफ्जो में खुद को बेवफा नहीं कहता।

वो कहते हे बहोत मजबूरिया हे साफ लफ्जो में खुद को बेवफा नहीं कहता।

कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो वरना मजबूरी का नाम लेकर वफाई तो सभी करते है !

कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो वरना मजबूरी का नाम लेकर वफाई तो सभी करते है !

जी भरके ज़ुल्म कर लो मुझपे क्या पता मेरे जैसा बेजुबान न मिले तुम्हे।

जी भरके ज़ुल्म कर लो मुझपे क्या पता मेरे जैसा बेजुबान न मिले तुम्हे।

एक ही समझती है मजबूरी हमारी वो है तुम्हारी भाभी हम दोनों की किश्मत की उनके हाथ में है चाभी !

एक ही समझती है मजबूरी हमारी वो है तुम्हारी भाभी हम दोनों की किश्मत की उनके हाथ में है चाभी !