कितना हसीन चाँद सा चेहरा हैं, उसपे सबाब का रंग गहरा हैं, खुदा को यकीन ना था वफ़ा पे, तभी चाँद पर तारों का पहरा हैं। - Khushi Shayari

कितना हसीन चाँद सा चेहरा हैं, उसपे सबाब का रंग गहरा हैं, खुदा को यकीन ना था वफ़ा पे, तभी चाँद पर तारों का पहरा हैं।

Khushi Shayari