ख़ुशी मेरी तलाश में दिन-रात यूँ ही भटकती रही, कभी उसे मेरा घर ना मिला कभी उसे हम घर ना मिले। - Khushi Shayari

ख़ुशी मेरी तलाश में दिन-रात यूँ ही भटकती रही, कभी उसे मेरा घर ना मिला कभी उसे हम घर ना मिले।

Khushi Shayari