मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफ़र से इस कदर, कि ना ख़ुद से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से। - Manzil Shayari

मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफ़र से इस कदर, कि ना ख़ुद से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से।

Manzil Shayari