मंज़िले ख़ुद राह दिखाती है अग़र ख़्वाहिश बुलन्द हो तो खुदा की रहमत मंज़िल बन जाती है। - Manzil Shayari

मंज़िले ख़ुद राह दिखाती है अग़र ख़्वाहिश बुलन्द हो तो खुदा की रहमत मंज़िल बन जाती है।

Manzil Shayari