मन की ईर्ष्या हमे कामयाबी से दूर रखती है आखिर इंसानियत ही इंसान को जिंदा रखती है ! - Insaniyat Shayari

मन की ईर्ष्या हमे कामयाबी से दूर रखती है आखिर इंसानियत ही इंसान को जिंदा रखती है !

Insaniyat Shayari