जिन्हें महसूस इंसानों के रंजो-गम नहीं होते, वो इंसान भी हरगिज पत्थरों से कम नहीं होते। - Insaniyat Shayari

जिन्हें महसूस इंसानों के रंजो-गम नहीं होते, वो इंसान भी हरगिज पत्थरों से कम नहीं होते।

Insaniyat Shayari