निभाते नही है वह लोग आजकल वरना इंसानियत से बड़ा कोई रिश्ता नही ! - Insaniyat Shayari

निभाते नही है वह लोग आजकल वरना इंसानियत से बड़ा कोई रिश्ता नही !

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