बदला जो रंग उसने हैरत हुयी मुझे, मौसम को भी मात दे गयी फ़ितरत जनाब की। - Mausam Shayari

बदला जो रंग उसने हैरत हुयी मुझे, मौसम को भी मात दे गयी फ़ितरत जनाब की।

Mausam Shayari