तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हूँ ! - Neend Shayari

तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हूँ !

Neend Shayari