तेरी याद नींदे आने नहीं देती तेरी फिक्र जान जाने नहीं देती सब सो रहे होते है इस वक़त और हम लगाते है बेवजह गश्त !

तेरी याद नींदे आने नहीं देती तेरी फिक्र जान जाने नहीं देती सब सो रहे होते है इस वक़त और हम लगाते है बेवजह गश्त !

Neend Shayari

तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हूँ!

तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हूँ!

नींद यु ही नसीब नहीं होती दिन भर काम करना पड़ता है रातों को सोने के लिए !

नींद यु ही नसीब नहीं होती दिन भर काम करना पड़ता है रातों को सोने के लिए !

मैं तेरे नाम का एक सपना हूँ और तू मेरे हिस्से की नींद हैं, जो मुझसे दूर बहुत दूर रहती हैं!

मैं तेरे नाम का एक सपना हूँ और तू मेरे हिस्से की नींद हैं, जो मुझसे दूर बहुत दूर रहती हैं!

तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हूँ !

तुम्हारे ख्वाबों को गिरवी रखके तकिये से रोज़ रात थोड़ी नींद उधार लेता हूँ !

सुकून तो न जाने कहाँ खो गया है, अब तो बस नींद के झरोखें आते है!

सुकून तो न जाने कहाँ खो गया है, अब तो बस नींद के झरोखें आते है!

नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यूँ नहीं इतनी ही फ़िक्र है तो फिर हमारे होते क्यूँ नही !

नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यूँ नहीं इतनी ही फ़िक्र है तो फिर हमारे होते क्यूँ नही !

आज दिल कहता है, जल्दी से तुम्हें एक नज़र देख कर लौट आऊँ नींद में मुस्कुराते हो तो बड़ा प्यार आता है तुम पर!

आज दिल कहता है, जल्दी से तुम्हें एक नज़र देख कर लौट आऊँ नींद में मुस्कुराते हो तो बड़ा प्यार आता है तुम पर!

इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई हम न सोए रात थक कर सो गई !

इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई हम न सोए रात थक कर सो गई !

ऐ नींद, तू कहाँ खो गई किस झोपड़ी में सो गई दौलत ने बिछाए बिस्तर तू ज़मीं पर ही  सो गई!

ऐ नींद, तू कहाँ खो गई किस झोपड़ी में सो गई दौलत ने बिछाए बिस्तर तू ज़मीं पर ही सो गई!

लगता है रात को भी बाते है अल्फाज मेरे तभी तो वह नींद को गुमराह करती है मेरे!

लगता है रात को भी बाते है अल्फाज मेरे तभी तो वह नींद को गुमराह करती है मेरे!

नींद के समंदर में ख्वाबो का जहाज है मौन बहे चला जाता है बिन किए कोई आवाज है!

नींद के समंदर में ख्वाबो का जहाज है मौन बहे चला जाता है बिन किए कोई आवाज है!

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई!

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई!

हमारे ख़्वाब चोरी हो गए हैं हमें रातों को नींद आती नहीं है!

हमारे ख़्वाब चोरी हो गए हैं हमें रातों को नींद आती नहीं है!

करीब आ के भी मेरी ना हुई कोई अपना ले गया मेरी नींद को!

करीब आ के भी मेरी ना हुई कोई अपना ले गया मेरी नींद को!

ऐसा नही है कि तेरी यादे मैं करवटे बदलता हूं नीदे शर्मीली है जरा बिस्तर से बाते करता हूं!

ऐसा नही है कि तेरी यादे मैं करवटे बदलता हूं नीदे शर्मीली है जरा बिस्तर से बाते करता हूं!

भरी रहे अभी आँखों में उस के नाम की नींद वो ख़्वाब है तो यूँ ही देखने से गुज़रेगा!

भरी रहे अभी आँखों में उस के नाम की नींद वो ख़्वाब है तो यूँ ही देखने से गुज़रेगा!

मोहब्बत में रात को नींद नही आती तो क्या हुआ हम भी  मोहब्बत के खिलाडी हैं. दोपहर को सो जाते हैं !

मोहब्बत में रात को नींद नही आती तो क्या हुआ हम भी मोहब्बत के खिलाडी हैं. दोपहर को सो जाते हैं !

उनको नींद ना आए तो बेचैन हो जाती हूं मैं एक ये ही तो जरिया है उनसे मुलाकात का!

उनको नींद ना आए तो बेचैन हो जाती हूं मैं एक ये ही तो जरिया है उनसे मुलाकात का!