हमारे दिल न देने पर ख़फ़ा हो लुटाते हो तुम्हीं ख़ैरात कितनी.

हमारे दिल न देने पर ख़फ़ा हो लुटाते हो तुम्हीं ख़ैरात कितनी.

Khafa Shayar

लोग कहते हैं कि तू  अब भी ख़फ़ा है मुझसे, तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझसे.

लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझसे, तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझसे.

तोड़कर अहदे-करम न आशना हो जाइये, बंदापरवर जाइये अच्छा खफा हो जाइये.

तोड़कर अहदे-करम न आशना हो जाइये, बंदापरवर जाइये अच्छा खफा हो जाइये.

आपकी सरकार है जी आप ही फ़रमाइए हम अगर बोले तो फ़िर हमसे खफ़ा हो जाओगे

आपकी सरकार है जी आप ही फ़रमाइए हम अगर बोले तो फ़िर हमसे खफ़ा हो जाओगे

इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले. वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते.

इतना तो बता जाओ ख़फ़ा होने से पहले. वो क्या करें जो तुम से ख़फ़ा हो नहीं सकते.

थोड़ी ही सही मगर बाते तो किया करो, चुपचाप रहते हो तो खफा से लगती हो।

थोड़ी ही सही मगर बाते तो किया करो, चुपचाप रहते हो तो खफा से लगती हो।

न कोई गिला है, न तुम से ख़फ़ा है ग़मे-दिल की अब के न कोई दवा है

न कोई गिला है, न तुम से ख़फ़ा है ग़मे-दिल की अब के न कोई दवा है

या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है.

या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है.

कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं, दिल भर जाता है तो लोग रूठ जाया करते हैं।

कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं, दिल भर जाता है तो लोग रूठ जाया करते हैं।

ज़रा सी बात क्या मैं पूछ बैठा ख़ुदा जाने वो क्यों मुझसे ख़फ़ा है

ज़रा सी बात क्या मैं पूछ बैठा ख़ुदा जाने वो क्यों मुझसे ख़फ़ा है

अजीब शख्स है भेद ही ना खुलते उसके, जब भी देखूं तो दुनिया से खफा ही देखूं।

अजीब शख्स है भेद ही ना खुलते उसके, जब भी देखूं तो दुनिया से खफा ही देखूं।

उनसे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन, कि उनके मनाने का अंदाज़ कैसा है।

उनसे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन, कि उनके मनाने का अंदाज़ कैसा है।

इस क़दर सादगी सूरत पे बसी है उसकी उसका आईना भी उससे ही ख़फ़ा लगता है

इस क़दर सादगी सूरत पे बसी है उसकी उसका आईना भी उससे ही ख़फ़ा लगता है

सुना वो आजकल मुझसे ख़फा है, तो क्या कह दूँ उसे मैं वो बेवफा है.

सुना वो आजकल मुझसे ख़फा है, तो क्या कह दूँ उसे मैं वो बेवफा है.

ख़ुदाई को भी हम न ख़ुश रख सके ख़ुदा भी ख़फ़ा का ख़फ़ा रह गया

ख़ुदाई को भी हम न ख़ुश रख सके ख़ुदा भी ख़फ़ा का ख़फ़ा रह गया

हुस्न का बिखरा शबाब यहां हर तरफ बंद करता हूं नजर तो दिल हो जाए खराब !

हुस्न का बिखरा शबाब यहां हर तरफ बंद करता हूं नजर तो दिल हो जाए खराब !

इज़्ज़त और तारीफ़ मांगी नहीं जाती, इसे ईमानदारी से कमाना पड़ता है।

इज़्ज़त और तारीफ़ मांगी नहीं जाती, इसे ईमानदारी से कमाना पड़ता है।

क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार  अलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर।

क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार अलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर।

नही भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है !

नही भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है !