इज़्ज़त और तारीफ़ मांगी नहीं जाती, इसे ईमानदारी से कमाना पड़ता है। - Tareef Shayari

इज़्ज़त और तारीफ़ मांगी नहीं जाती, इसे ईमानदारी से कमाना पड़ता है।

Tareef Shayari