क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार  अलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर।  - Tareef Shayari

क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार अलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर।

Tareef Shayari