ममता की तारीफ न पूछिए साहब, वक्त आने पर चिड़िया सांप से लड़ जाती है।

ममता की तारीफ न पूछिए साहब, वक्त आने पर चिड़िया सांप से लड़ जाती है।

Tareef Shayari

अजीब शख्स है भेद ही ना खुलते उसके, जब भी देखूं तो दुनिया से खफा ही देखूं।

अजीब शख्स है भेद ही ना खुलते उसके, जब भी देखूं तो दुनिया से खफा ही देखूं।

उनसे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन, कि उनके मनाने का अंदाज़ कैसा है।

उनसे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन, कि उनके मनाने का अंदाज़ कैसा है।

इस क़दर सादगी सूरत पे बसी है उसकी उसका आईना भी उससे ही ख़फ़ा लगता है

इस क़दर सादगी सूरत पे बसी है उसकी उसका आईना भी उससे ही ख़फ़ा लगता है

सुना वो आजकल मुझसे ख़फा है, तो क्या कह दूँ उसे मैं वो बेवफा है.

सुना वो आजकल मुझसे ख़फा है, तो क्या कह दूँ उसे मैं वो बेवफा है.

ख़ुदाई को भी हम न ख़ुश रख सके ख़ुदा भी ख़फ़ा का ख़फ़ा रह गया

ख़ुदाई को भी हम न ख़ुश रख सके ख़ुदा भी ख़फ़ा का ख़फ़ा रह गया

हुस्न का बिखरा शबाब यहां हर तरफ बंद करता हूं नजर तो दिल हो जाए खराब !

हुस्न का बिखरा शबाब यहां हर तरफ बंद करता हूं नजर तो दिल हो जाए खराब !

इज़्ज़त और तारीफ़ मांगी नहीं जाती, इसे ईमानदारी से कमाना पड़ता है।

इज़्ज़त और तारीफ़ मांगी नहीं जाती, इसे ईमानदारी से कमाना पड़ता है।

क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार  अलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर।

क्या लिखों तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार अलफ़ाज़ काम पद रहे है तेरी मासूमियत देखकर।

नही भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है !

नही भाता अब तेरे सिवा किसी और का चेहरा तुझे देखना और देखते रहना दस्तूर बन गया है !

सब तारीफ कर रहे थे अपने प्यार की  हम नींद का बहाना दे कर महफ़िल छोड़ आये।

सब तारीफ कर रहे थे अपने प्यार की हम नींद का बहाना दे कर महफ़िल छोड़ आये।

ऐसी कोई तारीफ ही नही है जो तुम्हारी तारीफ कर सके !

ऐसी कोई तारीफ ही नही है जो तुम्हारी तारीफ कर सके !

गिरता जाता है चहरे से नकाब अहिस्ता-अहिस्ता, निकलता आ रहा है आफ़ताब अहिस्ता-अहिस्ता।

गिरता जाता है चहरे से नकाब अहिस्ता-अहिस्ता, निकलता आ रहा है आफ़ताब अहिस्ता-अहिस्ता।

जो लव्स तेरी तारीफ करते नहीं थकते थे आज वो तेरा नाम तक नहीं लेना चाहते है।

जो लव्स तेरी तारीफ करते नहीं थकते थे आज वो तेरा नाम तक नहीं लेना चाहते है।

चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर !

चांद को बहुत गुरूर था उसकी खूबसूरती पर तोड़ दिया हमने तुम्हारी तस्वीर दिखा कर !

तुमको देखा तो मुझे मोहब्बत समझ में आयी, वरना औरों से ही तुम्हारी तारीफ सुना करते थे।

तुमको देखा तो मुझे मोहब्बत समझ में आयी, वरना औरों से ही तुम्हारी तारीफ सुना करते थे।

सब हे तारीफ करते है मेरी शायरी  कभी कोई नहीं सुनता मेरे लफ़्ज़ों की सिसकियाँ।

सब हे तारीफ करते है मेरी शायरी कभी कोई नहीं सुनता मेरे लफ़्ज़ों की सिसकियाँ।

लाजवाब हुस्न रंगीन मौसम सांझ है तेरी चाल मे तू परी है जन्नत से उतरी हम पागल है हर हाल मे !

लाजवाब हुस्न रंगीन मौसम सांझ है तेरी चाल मे तू परी है जन्नत से उतरी हम पागल है हर हाल मे !

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा, लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा, लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।