इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ ! - Dhokebaaz Shayari

इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ !

Dhokebaaz Shayari