वो हर दफा झूठ बोलता रहा, मै सच समझता रहा। कितने धोखे दिए उसने, मै रोज मरता रहा। - Dhokebaaz Shayari

वो हर दफा झूठ बोलता रहा, मै सच समझता रहा। कितने धोखे दिए उसने, मै रोज मरता रहा।

Dhokebaaz Shayari