इश्क तेरा बेशक है फिर भी तुझपे शक है क्या करूं मेरी जान तुझपे बस मेरा हक है! - Shak Shayari

इश्क तेरा बेशक है फिर भी तुझपे शक है क्या करूं मेरी जान तुझपे बस मेरा हक है!

Shak Shayari