जिन रिश्तो को हम अपना समझते थे वही हमसे दूर होते गए वक्त के साथ शक के दायरे भी बढ़ते गए! - Shak Shayari

जिन रिश्तो को हम अपना समझते थे वही हमसे दूर होते गए वक्त के साथ शक के दायरे भी बढ़ते गए!

Shak Shayari