जिन रिश्तो को हम अपना समझते थे वही हमसे दूर होते गए वक्त के साथ शक के दायरे भी बढ़ते गए!

जिन रिश्तो को हम अपना समझते थे वही हमसे दूर होते गए वक्त के साथ शक के दायरे भी बढ़ते गए!

Shak Shayari

इश्क तेरा बेशक है फिर भी तुझपे शक है क्या करूं मेरी जान तुझपे बस मेरा हक है!

इश्क तेरा बेशक है फिर भी तुझपे शक है क्या करूं मेरी जान तुझपे बस मेरा हक है!

मेरे शक की दीवार को तोड़ दो, अपने यकीन की एक और ईट रख दो.

मेरे शक की दीवार को तोड़ दो, अपने यकीन की एक और ईट रख दो.

लाख समझाया उनको कि दुनिया शक करती है, मगर उनकी आदत नहीं गई, मुस्कुरा कर गुजरने की।

लाख समझाया उनको कि दुनिया शक करती है, मगर उनकी आदत नहीं गई, मुस्कुरा कर गुजरने की।

मोहब्बत की राहों में चलते-चलते कभी गिर भी जाऊं मै तो मुझे शक है कि चोट लगने पर दर्द तुझे भी होगा..!

मोहब्बत की राहों में चलते-चलते कभी गिर भी जाऊं मै तो मुझे शक है कि चोट लगने पर दर्द तुझे भी होगा..!

इस कदर रूठे वह मोहब्बत में हमसे कि हमे खुद के वजूद पर ही शक होने लगा!

इस कदर रूठे वह मोहब्बत में हमसे कि हमे खुद के वजूद पर ही शक होने लगा!

हर आदमी अब शक के घेरे में है, इंसानियत का वजूद अब अँधेरे में है.

हर आदमी अब शक के घेरे में है, इंसानियत का वजूद अब अँधेरे में है.

शक नही तेरे लिए बस प्यार भरा है, तुझे खो न दूँ बस इसलिए ये दिल डरा है.

शक नही तेरे लिए बस प्यार भरा है, तुझे खो न दूँ बस इसलिए ये दिल डरा है.

ना कोई हक है ना कोई शक है ना ही इजहार है फिर भी तुमसे मोहब्बत बेशुमार है!

ना कोई हक है ना कोई शक है ना ही इजहार है फिर भी तुमसे मोहब्बत बेशुमार है!

वो हमारी मोहब्बत का हम से सौदा कर रहे है हमको बिस्तर पर सुला कर हम पर शक कर रहे है!

वो हमारी मोहब्बत का हम से सौदा कर रहे है हमको बिस्तर पर सुला कर हम पर शक कर रहे है!

दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा, भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन,

दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा, भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन,

यूँ ही नहीं होती हाथ की लकीरों के आगे उंगलियाँ, खुदा ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है.

यूँ ही नहीं होती हाथ की लकीरों के आगे उंगलियाँ, खुदा ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है.

किस्मत बुरी या मैं बुरा, इसका फैसला न हुआ, मैं तो सबका हो गया, मगर कोई मेरा न हुआ.

किस्मत बुरी या मैं बुरा, इसका फैसला न हुआ, मैं तो सबका हो गया, मगर कोई मेरा न हुआ.

किस्मत अपनी अपनी है, किसको क्या सौगात मिले किसी को खाली सीप मिले किसी को मोती साथ मिले

किस्मत अपनी अपनी है, किसको क्या सौगात मिले किसी को खाली सीप मिले किसी को मोती साथ मिले

ये गम न होता तो कोई और गम होना था, क्योंकि मेरे नसीब में लिखा रोना था.

ये गम न होता तो कोई और गम होना था, क्योंकि मेरे नसीब में लिखा रोना था.

हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब है, कमबख्त मुट्ठी में तो है पर काबू में नहीं।

हाथ की लकीरें भी कितनी अजीब है, कमबख्त मुट्ठी में तो है पर काबू में नहीं।

जिन्दगी की राह पर चलते रहो मुसाफ़िर बनकर, क्या पता नसीब से मिल जाए जिंदगी का हमसफ़र।

जिन्दगी की राह पर चलते रहो मुसाफ़िर बनकर, क्या पता नसीब से मिल जाए जिंदगी का हमसफ़र।

तुम मिले तो यूँ लगा, हर दुआ कबूल हो गयी, कांच सी टूटी क़िस्मत मेरी हीरों का नूर हो गयी.

तुम मिले तो यूँ लगा, हर दुआ कबूल हो गयी, कांच सी टूटी क़िस्मत मेरी हीरों का नूर हो गयी.

बदलता नहीं ये किस्मत, कैसी है इसकी फितरत, सोचता हूँ खरीद लू पर लेता नहीं ये रिश्वत।

बदलता नहीं ये किस्मत, कैसी है इसकी फितरत, सोचता हूँ खरीद लू पर लेता नहीं ये रिश्वत।