इश्क से नशीला कोई नशा नहीं है जनाब घूँट घूँट पीते हैं और कतरा कतरा मरते हैं - Nasha Shayari

इश्क से नशीला कोई नशा नहीं है जनाब घूँट घूँट पीते हैं और कतरा कतरा मरते हैं

Nasha Shayari