पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर ‘जलील’ बादल का रंग देख के नीयत बदल गई! - Nasha Shayari

पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर ‘जलील’ बादल का रंग देख के नीयत बदल गई!

Nasha Shayari