नशा पिला के गिराना तो सब को आता है. मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी! - Nasha Shayari

नशा पिला के गिराना तो सब को आता है. मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी!

Nasha Shayari