न जख्म भरे न शराब सहारा हुई न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई ! - Nasha Shayari

न जख्म भरे न शराब सहारा हुई न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई !

Nasha Shayari