मेरी निगाह-ए-शौक भी कुछ कम नहीं मगर, फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।

मेरी निगाह-ए-शौक भी कुछ कम नहीं मगर, फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।

Shayari for Girls

हुस्न वालो को क्या ज़रुरत है सवारने की वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा  रखते है

हुस्न वालो को क्या ज़रुरत है सवारने की वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते है

 इतना खूबसूरत कैसे मुस्कुरा लेते हो? इतना क़ातिल कैसे शर्मा लेते हो? कितनी आसानी से जान ले लेते हो।

इतना खूबसूरत कैसे मुस्कुरा लेते हो? इतना क़ातिल कैसे शर्मा लेते हो? कितनी आसानी से जान ले लेते हो।

न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर तेरे सामने आने से ज्यादा, तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है

न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर तेरे सामने आने से ज्यादा, तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है

तुम्हारी इस अदा का क्या जवाब दू? अपने दोस्त को क्या सौगात दू? कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मँगवाता, जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दू?

तुम्हारी इस अदा का क्या जवाब दू? अपने दोस्त को क्या सौगात दू? कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मँगवाता, जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दू?

जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये

जो कागज पर लिख दू तारीफ तुम्हारी तो श्याही भी तेरे हुस्न की गुलाम हो जाये

तू चाँद और मैं सितारा होता? आसमान में एक आशियाना हमारा होता? लोग तुम्हे दूरसे देखते, नज़दीक से देखने का हक बस हमारा होता।

तू चाँद और मैं सितारा होता? आसमान में एक आशियाना हमारा होता? लोग तुम्हे दूरसे देखते, नज़दीक से देखने का हक बस हमारा होता।

क्या लिखूं तेरी तारीफ ऐ-सूरत में यार अल्फाज कम पड़ रहे है तेरी मासूमियत देखकर

क्या लिखूं तेरी तारीफ ऐ-सूरत में यार अल्फाज कम पड़ रहे है तेरी मासूमियत देखकर

खूबसूरती क्या होती जानना हैं तो अपने आईने से पूछो वो रोज़ खुबसूरत चेहरा देखता हैं।

खूबसूरती क्या होती जानना हैं तो अपने आईने से पूछो वो रोज़ खुबसूरत चेहरा देखता हैं।

मुझे मालूम नहीं हुस्न की तारीफ मेरी नज़रों में हसीं वो है जो तुम जैसे हो

मुझे मालूम नहीं हुस्न की तारीफ मेरी नज़रों में हसीं वो है जो तुम जैसे हो

हुस्न का क्या काम सच्ची मोहब्बत में रंग सांवला भी हो तो  यार कातिल लगता है

हुस्न का क्या काम सच्ची मोहब्बत में रंग सांवला भी हो तो यार कातिल लगता है

 हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कारा देना, हसीनो को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना।

हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कारा देना, हसीनो को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना।

वह मुझसे रोज कहती थी मुझे तुम चांद ला कर दो उसे एक आईना देकर अकेला छोड़ आया हूं

वह मुझसे रोज कहती थी मुझे तुम चांद ला कर दो उसे एक आईना देकर अकेला छोड़ आया हूं

 उसको सजने की संवरने की ज़रूरत​ ​ही नहीं​,​ ​उस पे सजती है हया भी किसी जेवर ​की तरह।

उसको सजने की संवरने की ज़रूरत​ ​ही नहीं​,​ ​उस पे सजती है हया भी किसी जेवर ​की तरह।

तुझको देखा  फिर उसको ना देखा चांद कहता रहा मैं चांद हूं, मैं चांद हूं

तुझको देखा फिर उसको ना देखा चांद कहता रहा मैं चांद हूं, मैं चांद हूं

बे-नकाब न निकलो तुम, लोगो की नजर लग जायेगी।

बे-नकाब न निकलो तुम, लोगो की नजर लग जायेगी।

तू जरा सी कम खूबसूरत होती तो भी बहुत खूबसूरत होती

तू जरा सी कम खूबसूरत होती तो भी बहुत खूबसूरत होती

 वो बे-नकाब जो फिरती है गली-कूंचों में, तो कैसे शहर के लोगों में क़त्ल-ए-आम न हो।

वो बे-नकाब जो फिरती है गली-कूंचों में, तो कैसे शहर के लोगों में क़त्ल-ए-आम न हो।

कितनी मासूमियत है उनके चेहरे पर, सामने से ज्यादा उन्हें छुपकर देखना अच्छा लगता है।

कितनी मासूमियत है उनके चेहरे पर, सामने से ज्यादा उन्हें छुपकर देखना अच्छा लगता है।