इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे!

इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे!

Ishq Status

इश्क कोई घाव नहीं  जो भर जायेगा, रिवाज है साहब हीर के बगैर रांझा मर जायेगा!

इश्क कोई घाव नहीं जो भर जायेगा, रिवाज है साहब हीर के बगैर रांझा मर जायेगा!

दरमियाँ चाहे इश्क़ हो अश्क़ हो रश्क़ हो शर्त बस इतनी है जो भी हो सच हो !

दरमियाँ चाहे इश्क़ हो अश्क़ हो रश्क़ हो शर्त बस इतनी है जो भी हो सच हो !

नज़ाक़त और ग़ुरूर होना चाहिये इश्क़ में एक तरफ़ा ही सही पर सुरूर होना चाहिए इश्क़ में

नज़ाक़त और ग़ुरूर होना चाहिये इश्क़ में एक तरफ़ा ही सही पर सुरूर होना चाहिए इश्क़ में

इश्क़ अगर ख़ाक न कर दे, तो ख़ाक इश्क़ हुआ.

इश्क़ अगर ख़ाक न कर दे, तो ख़ाक इश्क़ हुआ.

वों जुल्फें हवाओं संग लहरायी थीं,  हम असर इश्क का समझ बैठे.

वों जुल्फें हवाओं संग लहरायी थीं, हम असर इश्क का समझ बैठे.

कितना चाहा ना जाऊं इश्क़ की गली पर इस दिल के आगे मेरी  एक ना चली

कितना चाहा ना जाऊं इश्क़ की गली पर इस दिल के आगे मेरी एक ना चली

आधे से कुछ ज्यादा है, पूरे से कुछ कम, कुछ जिंदगी, कुछ गम, कुछ इश्क, कुछ हम.

आधे से कुछ ज्यादा है, पूरे से कुछ कम, कुछ जिंदगी, कुछ गम, कुछ इश्क, कुछ हम.

मुक़म्मल इश्क़ तो इबादत है बस करते चले जाना है

मुक़म्मल इश्क़ तो इबादत है बस करते चले जाना है

वो जो कहता है इश्क़ में क्या रखा है, एक हीर ने उसको अपना राँझा बना रखा है.

वो जो कहता है इश्क़ में क्या रखा है, एक हीर ने उसको अपना राँझा बना रखा है.

इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं, चंद लम्हों में फ़ैसला न करो.

इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं, चंद लम्हों में फ़ैसला न करो.

नजर नमाज नजरिया सब कुछ बदल गया एक रोज  इश्क हुआ मेरा खुदा बदल गया

नजर नमाज नजरिया सब कुछ बदल गया एक रोज इश्क हुआ मेरा खुदा बदल गया

मंदिर-मस्जिद सब नाम के हैं, खुदा से रूबरू होना है तो इश्क़ कर.

मंदिर-मस्जिद सब नाम के हैं, खुदा से रूबरू होना है तो इश्क़ कर.

इश्क़ की राह में, खुबसूरत क्या हैं, एक मैं हूँ, एक तुम हो और जरूरत क्या हैं.

इश्क़ की राह में, खुबसूरत क्या हैं, एक मैं हूँ, एक तुम हो और जरूरत क्या हैं.

बादशाह थे  हम अपनी  मिजाज-ए मस्ती के इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया.

बादशाह थे हम अपनी मिजाज-ए मस्ती के इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया.

मुक़म्मल इश्क़ तो इबादत है, बस करते चले जाना है.

मुक़म्मल इश्क़ तो इबादत है, बस करते चले जाना है.

इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं, मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है.

इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं, मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है.

निकल गया मतलब या और कोई काम लोगे, बदनाम तो हो ही गये हैं और कितना नाम लोगे।

निकल गया मतलब या और कोई काम लोगे, बदनाम तो हो ही गये हैं और कितना नाम लोगे।

गर्म चाय भी देती है एक सीख हरदम, मतलबी है दुनिया बहुत इसलिए फूंक फूंक कर रखना हर कदम।

गर्म चाय भी देती है एक सीख हरदम, मतलबी है दुनिया बहुत इसलिए फूंक फूंक कर रखना हर कदम।