अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को।  समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है। - Samandar Shayari

अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को। समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है।

Samandar Shayari