मासूम-सी आँखों में मासूम-सा अब कुछ न रहा, रहने को गुस्सा और दर्द तो रहा, बस भरोसा ही न रहा। - Gussa Shayari

मासूम-सी आँखों में मासूम-सा अब कुछ न रहा, रहने को गुस्सा और दर्द तो रहा, बस भरोसा ही न रहा।

Gussa Shayari