एक पल में खिलखिला कर हँसती है, एक पल में गुस्से से तिलमिलाती है, कुछ ज़िन्दगी सी है माशूका मेरी। - Gussa Shayari

एक पल में खिलखिला कर हँसती है, एक पल में गुस्से से तिलमिलाती है, कुछ ज़िन्दगी सी है माशूका मेरी।

Gussa Shayari