बहती हुई है दरिया का किनारा हूं मैं टूट कर भी आज तक वही खड़ा हूं मैं रखना मुझे अपनी पनाह में ए खुदा इस जग से हारा हूं मै !
है पिघलना ही नियति तो देखो बर्फ भी पानी बने रात का टूटा हुआ तारा भी फरिश्ता आसमानी बने !
जान बनकर जब से जिंदगी में आए हो तुम जान जान कह कर सीधे दिल पर वार कर रहे हो तुम !
तुमने मेरा दिल तोड़ा बार बार और मुझे तुझसे प्यार हुआ हर बार !
बड़ी मदहोश थी महफिल की वह भीड़ कोई टूटा हुआ था तो कोई बिखरा हुआ था
हम तो बिखरे है चूर हुआ है मंजर एक नदी की तलाश में प्यासा है समंदर !
टूटा जब यह दिल तो आईना हुआ चकनाचूर एहसास ख्वाब और अरमान सब हुआ चूर-चूर !
कैसे कहूं कि सच कहता है आइना टूटा हूं मैं पर आईने में साफ दिखता है!
भर गए जख्म मेरे अभी उसके निशा बाकी है तेरी मुहब्बत के अभी कितने सितम बाकी है..!
मैंने कहा दिल टूटा जरूर है पर प्यार इसमे अभी बाकी है उसने कहा मेरी जान एक सितम और अभी बाकी है!
उसकी मोहब्बत में सब कुछ खोकर आया हूं अपने सारे गम और खुशी उसके पास छोड़ आया हूं!
यहां कोई टूटा हुआ है कोई रूठा हुआ है यह इश्क न जाने कितनो को लूटा हुआ है!
किसी के दिल में साथ रहने का इरादा ही झूठा है इसीलिए मैं तुझसे और तू मुझसे आज तक रूठा है!
अपने कदम कभी पीछे न बढ़ाइए, आपको किनारा ज़रूर मिलेगा। इन काली रातों के अंधेरे से लड़तें जाइये, आपको एक नया सवेरा ज़रूर मिलेगा।
अब तो तेरी सूरत चाय के धुएँ में भी नजर आती है, कूछ इस कदर खो जाते है हम तेरे यादों में, की हर दफा मेरी चाय ठंडी हो जाती है।
हर सुबह एक नए दिन, एक नई शुरुआत का मौका है. इसे गले लगाओ और इसका अधिकतम लाभ उठाओ.
हम जो वादा करते हैं वो ज़रूर निभाते हैं, सूरज की किरणें बन कर उनकी छत पर जाते हैं।
आप न होते तो हम खो गये होते, हम अपनी जिंदगी से रूसवा हो गये होते, हम तो आप को Good Morning कहने के लिए उठे हैं, वरना हम तो अभी तक सो रहे होते ! सुभ प्रभात