कैसे कहूं कि सच कहता है आइना टूटा हूं मैं पर आईने में साफ दिखता है!
भर गए जख्म मेरे अभी उसके निशा बाकी है तेरी मुहब्बत के अभी कितने सितम बाकी है..!
बिखरे हुए सपने और एक टूटा अरमान देखा था जब मैंने झांककर अपने अंदर देखा था!
मैंने कहा दिल टूटा जरूर है पर प्यार इसमे अभी बाकी है उसने कहा मेरी जान एक सितम और अभी बाकी है!
उसकी मोहब्बत में सब कुछ खोकर आया हूं अपने सारे गम और खुशी उसके पास छोड़ आया हूं!
यहां कोई टूटा हुआ है कोई रूठा हुआ है यह इश्क न जाने कितनो को लूटा हुआ है!
किसी के दिल में साथ रहने का इरादा ही झूठा है इसीलिए मैं तुझसे और तू मुझसे आज तक रूठा है!
अपने कदम कभी पीछे न बढ़ाइए, आपको किनारा ज़रूर मिलेगा। इन काली रातों के अंधेरे से लड़तें जाइये, आपको एक नया सवेरा ज़रूर मिलेगा।
अब तो तेरी सूरत चाय के धुएँ में भी नजर आती है, कूछ इस कदर खो जाते है हम तेरे यादों में, की हर दफा मेरी चाय ठंडी हो जाती है।
हम जो वादा करते हैं वो ज़रूर निभाते हैं, सूरज की किरणें बन कर उनकी छत पर जाते हैं।
आप न होते तो हम खो गये होते, हम अपनी जिंदगी से रूसवा हो गये होते, हम तो आप को Good Morning कहने के लिए उठे हैं, वरना हम तो अभी तक सो रहे होते ! सुभ प्रभात
सुरज की पहली किरण ख़ुशी दे आपको, दूसरी किरण प्यारी सी हँसी दे आपको, तिसरी किरण अच्छा स्वस्थ और तरक्की दे आपको, अब और बस नही तो गरमी लगेगी आपको.
प्यारी-प्यारी नींद आती है नए सपने लेकर, आपकी हर सुबह आये ढेर सारी खुशियां लेकर।
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से, सामना ना हो कभी तनहाइयों से, हर अरमान हर ख्वाब पूरा हो आपका, यही दुआ है दिल की गहराईयों से ।
चाय के कप से उठते धुयें में, तेरी सूरत नज़र आती है, तेरी यादों में मैं इतना खो जाता हूँ, अक्सर मेरी चाय ठंडी हो जाती है।
सूरज निकल रहा है पूरब से, दिन शुरू हुआ आपकी याद से, कहना चाहते हैं हम दिल से, आपका दिन अच्छा जाये, हमारे Good Morning से
रात की चांदनी से मांगता हूँ सवेरा फूलों की चमक से मांगता हूँ रंग गहरा दौलत शोहरत से ताल्लुख़ नहीं है मेरा मुझे चाहिए हर सुबह में बस साथ तेरा.
सुबह है नयी नया है सवेरा, सूरज की किरण और हवाओं का बसेरा, खुले आसमान में सूरज का चेहरा, मुबारक हो आपको ये हसीन सवेरा ! सुभ प्रभात