कौनसा अंदाज़ है ये तेरी महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे,
 मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते !

कौनसा अंदाज़ है ये तेरी महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे, मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते !

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 रूठना तेरा लाज़मी था हर बार मनाने की आदत जो हमने डाली थी।

रूठना तेरा लाज़मी था हर बार मनाने की आदत जो हमने डाली थी।

 उसके लिए क्यों रोता है यार, जो जाने ही न क्या होता है प्यार!

उसके लिए क्यों रोता है यार, जो जाने ही न क्या होता है प्यार!

 बहुत सजा पाई है मैंने वफ़ा निभाने की अब
 ना रोने की ताकत है न जागने की हिम्मत।

बहुत सजा पाई है मैंने वफ़ा निभाने की अब ना रोने की ताकत है न जागने की हिम्मत।

 मरने के नाम से जो रखते थे मुँह पे उँगलियाँ
 अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के क़ातिल निकले।

मरने के नाम से जो रखते थे मुँह पे उँगलियाँ अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के क़ातिल निकले।

 मायने खो देते हैं वो जवाब, जो वक्त पर नहीं मिलते !

मायने खो देते हैं वो जवाब, जो वक्त पर नहीं मिलते !

 थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद, अब कोई अच्छा भी लगे तो इजहार नहीं करता..

थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद, अब कोई अच्छा भी लगे तो इजहार नहीं करता..

 आँख बंद करके चलाना खंजर हम पे, कहीं हमने मुस्कुरा दिया, तो कत्ल़ तुम्हारा होगा।

आँख बंद करके चलाना खंजर हम पे, कहीं हमने मुस्कुरा दिया, तो कत्ल़ तुम्हारा होगा।

 आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग, जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटाहटा कर देखेंगे लोग।

आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग, जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटाहटा कर देखेंगे लोग।

 तुमसे दिल लगा कर देख लिया
अब और क्या देखने को बाक़ी है!

तुमसे दिल लगा कर देख लिया अब और क्या देखने को बाक़ी है!

 किसी से नाराजगी इतने वक्त तक ना रखो
कि वह तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए…

किसी से नाराजगी इतने वक्त तक ना रखो कि वह तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए…

ना अपने पास हूं ना तेरे साथ हूं, बहुत दिनों से मैं यूं ही उदास हूं!

ना अपने पास हूं ना तेरे साथ हूं, बहुत दिनों से मैं यूं ही उदास हूं!

मैंने डॉक्टर से कहा मोहब्बत की दर्द का दवा दो, डॉक्टर ने हँस कर कहा थोड़ा-थोड़ा जहर पिया करो।

मैंने डॉक्टर से कहा मोहब्बत की दर्द का दवा दो, डॉक्टर ने हँस कर कहा थोड़ा-थोड़ा जहर पिया करो।

 बेताब हम भी थे दर्द जुदाई की कसम, रोती वो भी होगी नज़रें चुरा चुरा कर…

बेताब हम भी थे दर्द जुदाई की कसम, रोती वो भी होगी नज़रें चुरा चुरा कर…

 सच कहूँ आज पहली दफा लगा की दूरियाँ बड़ी ज़ालिम हैं।

सच कहूँ आज पहली दफा लगा की दूरियाँ बड़ी ज़ालिम हैं।

उसको बेवफा कहकर अपनी ही नजर में गिर जाते है हम, पर प्यार भी
 वो अपना था, और वो पसंद भी अपनी थी।

उसको बेवफा कहकर अपनी ही नजर में गिर जाते है हम, पर प्यार भी वो अपना था, और वो पसंद भी अपनी थी।

 इतना भी ना चाहो किसी को वो चला जाये और ज़िन्दगी बेरंग और गुमनाम हो जाए..

इतना भी ना चाहो किसी को वो चला जाये और ज़िन्दगी बेरंग और गुमनाम हो जाए..

 एक बार कह कर तो देखा होता कि तुम किसी और की हो, भगवान की कसम तेरी परछाई से भी दूर रहते।

एक बार कह कर तो देखा होता कि तुम किसी और की हो, भगवान की कसम तेरी परछाई से भी दूर रहते।