रूठना तेरा लाज़मी था हर बार मनाने की आदत जो हमने डाली थी।

रूठना तेरा लाज़मी था हर बार मनाने की आदत जो हमने डाली थी।

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 कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये।

कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये।

 अगर तुम्हें यकीं नहीं, तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास, अगर तुम्हें यकीं है, तो मुझे कुछ कहने की जरूरत नही !

अगर तुम्हें यकीं नहीं, तो कहने को कुछ नहीं मेरे पास, अगर तुम्हें यकीं है, तो मुझे कुछ कहने की जरूरत नही !

 कभी कभी हम गलत नहीं होते, बस वो शब्द ही नहीं होते जो हमें सही साबित कर सके।

कभी कभी हम गलत नहीं होते, बस वो शब्द ही नहीं होते जो हमें सही साबित कर सके।

 उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से, अब नयी दुनिया लाये कहाँ से।

उन्हें नफरत हुयी सारे जहाँ से, अब नयी दुनिया लाये कहाँ से।

 कुछ अलग सा है अपनी मोहब्बत का हाल, तेरी चुपी और मेरा सवाल!

कुछ अलग सा है अपनी मोहब्बत का हाल, तेरी चुपी और मेरा सवाल!

 हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं, हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हँ..

हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं, हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हँ..

 कोई भी सफर कभी खत्म नही होता या तो 
रास्ता बदल जाता है या फिर वास्ता ख़त्म हो जाता है।

कोई भी सफर कभी खत्म नही होता या तो रास्ता बदल जाता है या फिर वास्ता ख़त्म हो जाता है।

 जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…

जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…

 तेरी आँखों से यूँ तो सागर भी पिए है मैंने, तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए है मैंने।

तेरी आँखों से यूँ तो सागर भी पिए है मैंने, तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए है मैंने।

 उसके लिए क्यों रोता है यार, जो जाने ही न क्या होता है प्यार!

उसके लिए क्यों रोता है यार, जो जाने ही न क्या होता है प्यार!

 बहुत सजा पाई है मैंने वफ़ा निभाने की अब
 ना रोने की ताकत है न जागने की हिम्मत।

बहुत सजा पाई है मैंने वफ़ा निभाने की अब ना रोने की ताकत है न जागने की हिम्मत।

 मरने के नाम से जो रखते थे मुँह पे उँगलियाँ
 अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के क़ातिल निकले।

मरने के नाम से जो रखते थे मुँह पे उँगलियाँ अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के क़ातिल निकले।

 मायने खो देते हैं वो जवाब, जो वक्त पर नहीं मिलते !

मायने खो देते हैं वो जवाब, जो वक्त पर नहीं मिलते !

 थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद, अब कोई अच्छा भी लगे तो इजहार नहीं करता..

थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद, अब कोई अच्छा भी लगे तो इजहार नहीं करता..

 आँख बंद करके चलाना खंजर हम पे, कहीं हमने मुस्कुरा दिया, तो कत्ल़ तुम्हारा होगा।

आँख बंद करके चलाना खंजर हम पे, कहीं हमने मुस्कुरा दिया, तो कत्ल़ तुम्हारा होगा।

 आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग, जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटाहटा कर देखेंगे लोग।

आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग, जब रूह निकल जाएगी तो कफन हटाहटा कर देखेंगे लोग।

 कौनसा अंदाज़ है ये तेरी महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे,
 मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते !

कौनसा अंदाज़ है ये तेरी महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे, मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते !