इक नाम जो तेरा लिख दिया मैंने रेत पर, उम्र भर हवा से फिर दुश्मनी रही ! - Shero Shayari

इक नाम जो तेरा लिख दिया मैंने रेत पर, उम्र भर हवा से फिर दुश्मनी रही !

Shero Shayari