वो कातिल रातें जब हम, तारों की बातें करते थे, पतझड़ के सूने मौसम मे, बहारों की बातें करते थे ! - Shero Shayari

वो कातिल रातें जब हम, तारों की बातें करते थे, पतझड़ के सूने मौसम मे, बहारों की बातें करते थे !

Shero Shayari