ये दरिया-ए-इश्क है, कदम जरा सोच के रखना, इस में उतर कर किसी को किनारा नहीं मिला ! - Shero Shayari

ये दरिया-ए-इश्क है, कदम जरा सोच के रखना, इस में उतर कर किसी को किनारा नहीं मिला !

Shero Shayari