वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है। - Ashq Shayari

वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।

Ashq Shayari