ये तड़प ये आंसू मेरे रातों के साथी है बस तेरी यादें मेरे जीने के लिए काफी है।

ये तड़प ये आंसू मेरे रातों के साथी है बस तेरी यादें मेरे जीने के लिए काफी है।

Ashq Shayari

किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगेमिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे।

किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगेमिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे।

वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।

वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।

 हर बात पर नम हो जाती हैं आँखें मेरी अक्सर, जहाँ भर के अश्क खुदा मेरी पलकों में रख भूला।

हर बात पर नम हो जाती हैं आँखें मेरी अक्सर, जहाँ भर के अश्क खुदा मेरी पलकों में रख भूला।

अश्क़ अच्छे ही तो हैं मसला ग़म बहाने का अगर है।

अश्क़ अच्छे ही तो हैं मसला ग़म बहाने का अगर है।

छलके थे जो कभी आँखों से मेरी, अश्क़ वो क्यों तेरी आँखों से मिले।

छलके थे जो कभी आँखों से मेरी, अश्क़ वो क्यों तेरी आँखों से मिले।

किसी चेहरे पे तबस्सुम न किसी आँख में अश्क़ अजनबी शहर में अब कौन दोबारा जाये।

किसी चेहरे पे तबस्सुम न किसी आँख में अश्क़ अजनबी शहर में अब कौन दोबारा जाये।

गिरा पलकों से अश्क़ तो सोचा ना था, रुख़सार पर हाथ तेरे संभाल लेंगे उन्हें।

गिरा पलकों से अश्क़ तो सोचा ना था, रुख़सार पर हाथ तेरे संभाल लेंगे उन्हें।

 देखकर तुझे वो मेरे रुखसार पर रुके है मुद्दतो बाद नज़ाकत से अश्क़ उतरे है।

देखकर तुझे वो मेरे रुखसार पर रुके है मुद्दतो बाद नज़ाकत से अश्क़ उतरे है।

जहाँ-जहाँ क़तरा-ए-अश्क गिरेगा वहां-वहां इक आँख  उग आएगी।

जहाँ-जहाँ क़तरा-ए-अश्क गिरेगा वहां-वहां इक आँख उग आएगी।

जिस तरह हंस रहा हूँ मैं पी पी के गरम अश्क यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल जाये।

जिस तरह हंस रहा हूँ मैं पी पी के गरम अश्क यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल जाये।

मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं, तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले।

मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं, तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले।

 फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त, किसी भी हाल में अश्कों का बहना कम नहीं होता।।

फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त, किसी भी हाल में अश्कों का बहना कम नहीं होता।।

मुस्कुराने की आरजू में छुपाया जो दर्द को, अश्क हमारी आंखों में पत्थर के हो गए।

मुस्कुराने की आरजू में छुपाया जो दर्द को, अश्क हमारी आंखों में पत्थर के हो गए।

सोचकर बाज़ार गये था कुछ अश्क़ बेचने, हर खरीददार बोला तोहफे बिका नहीं करते।

सोचकर बाज़ार गये था कुछ अश्क़ बेचने, हर खरीददार बोला तोहफे बिका नहीं करते।

 बेवफ़ाई का मुझे जब भी ख़याल आता है, अश्क़ रुख़सार पर आँखों से निकल जाते हैं।

बेवफ़ाई का मुझे जब भी ख़याल आता है, अश्क़ रुख़सार पर आँखों से निकल जाते हैं।

आँखों से बगावत पे उतर आता है, इक अश्क अक्सर बागी हो जाता है।

आँखों से बगावत पे उतर आता है, इक अश्क अक्सर बागी हो जाता है।

जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की, जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।

जब लफ्ज़ थक गए तो फिर आँखों ने बात की, जो आँखें भी थक गयीं तो अश्कों से बात हुई।

कैसे रोकूँ जो अश्क आँखों से ढल जाते हैं, दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं।

कैसे रोकूँ जो अश्क आँखों से ढल जाते हैं, दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं।