अश्क़ अच्छे ही तो हैं मसला ग़म बहाने का अगर है।

अश्क़ अच्छे ही तो हैं मसला ग़म बहाने का अगर है।

Ashq Shayari

आँखों में कौन आ के इलाही निकल गया, किस की तलाश में मेरे अश्क़ रवां चले।

आँखों में कौन आ के इलाही निकल गया, किस की तलाश में मेरे अश्क़ रवां चले।

चराग-ए-इश्क लिए, हम भी फिरे हैं खोजते उनको, जिन्होने इश्क किया और, अश्क का दीदार नही किया।।

चराग-ए-इश्क लिए, हम भी फिरे हैं खोजते उनको, जिन्होने इश्क किया और, अश्क का दीदार नही किया।।

आंखों में मेरे इस कदर छाए रहे आंसू,कि आईने में अपनी ही सूरत नहीं मिली।

आंखों में मेरे इस कदर छाए रहे आंसू,कि आईने में अपनी ही सूरत नहीं मिली।

आज अश्क से आँखों में क्यों हैं आये हुए, गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए।

आज अश्क से आँखों में क्यों हैं आये हुए, गुजर गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए।

इश्क में  राएगाँ कुछ नही जाता, ये अश्क भी किसी काम आएंगे।

इश्क में राएगाँ कुछ नही जाता, ये अश्क भी किसी काम आएंगे।

 प्यास इतनी है मेरी रूह की गहराई में, अश्क गिरता है तो दामन को  जला देता है।

प्यास इतनी है मेरी रूह की गहराई में, अश्क गिरता है तो दामन को जला देता है।

किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगेमिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे।

किसी को बताने से मेरे अश्क़ रुक ना पायेंगेमिट जायेगी जिंदगी मगर ग़म धुल न पायेंगे।

वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।

वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है,अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।

 हर बात पर नम हो जाती हैं आँखें मेरी अक्सर, जहाँ भर के अश्क खुदा मेरी पलकों में रख भूला।

हर बात पर नम हो जाती हैं आँखें मेरी अक्सर, जहाँ भर के अश्क खुदा मेरी पलकों में रख भूला।

छलके थे जो कभी आँखों से मेरी, अश्क़ वो क्यों तेरी आँखों से मिले।

छलके थे जो कभी आँखों से मेरी, अश्क़ वो क्यों तेरी आँखों से मिले।

किसी चेहरे पे तबस्सुम न किसी आँख में अश्क़ अजनबी शहर में अब कौन दोबारा जाये।

किसी चेहरे पे तबस्सुम न किसी आँख में अश्क़ अजनबी शहर में अब कौन दोबारा जाये।

गिरा पलकों से अश्क़ तो सोचा ना था, रुख़सार पर हाथ तेरे संभाल लेंगे उन्हें।

गिरा पलकों से अश्क़ तो सोचा ना था, रुख़सार पर हाथ तेरे संभाल लेंगे उन्हें।

 देखकर तुझे वो मेरे रुखसार पर रुके है मुद्दतो बाद नज़ाकत से अश्क़ उतरे है।

देखकर तुझे वो मेरे रुखसार पर रुके है मुद्दतो बाद नज़ाकत से अश्क़ उतरे है।

जहाँ-जहाँ क़तरा-ए-अश्क गिरेगा वहां-वहां इक आँख  उग आएगी।

जहाँ-जहाँ क़तरा-ए-अश्क गिरेगा वहां-वहां इक आँख उग आएगी।

ये तड़प ये आंसू मेरे रातों के साथी है बस तेरी यादें मेरे जीने के लिए काफी है।

ये तड़प ये आंसू मेरे रातों के साथी है बस तेरी यादें मेरे जीने के लिए काफी है।

जिस तरह हंस रहा हूँ मैं पी पी के गरम अश्क यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल जाये।

जिस तरह हंस रहा हूँ मैं पी पी के गरम अश्क यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल जाये।

मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं, तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले।

मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं, तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले।

 फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त, किसी भी हाल में अश्कों का बहना कम नहीं होता।।

फ़िराक की मुसीबत हो या यार के वस्ल की लज़्ज़त, किसी भी हाल में अश्कों का बहना कम नहीं होता।।