छलके थे जो कभी आँखों से मेरी, अश्क़ वो क्यों तेरी आँखों से मिले। - Ashq Shayari

छलके थे जो कभी आँखों से मेरी, अश्क़ वो क्यों तेरी आँखों से मिले।

Ashq Shayari