क्या चाहती है हम से, हमारी ये ज़िंदगी. क्या क़र्ज़ है जो हम से, अदा हो नहीं रहा। - Adaa Shayari

क्या चाहती है हम से, हमारी ये ज़िंदगी. क्या क़र्ज़ है जो हम से, अदा हो नहीं रहा।

Adaa Shayari