हक़ीक़त को तलाश करना पड़ता है, अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है।

हक़ीक़त को तलाश करना पड़ता है, अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है।

Afwah Shayari

अफवाह है या हकीकत है ये की तू भी मेरे इश्क में है।

अफवाह है या हकीकत है ये की तू भी मेरे इश्क में है।

मिल जाएँगे कुछ हमारी भी तारीफ़ करने वाले, कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों।

मिल जाएँगे कुछ हमारी भी तारीफ़ करने वाले, कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों।

अपने दिल की सुन, अफवाहों से काम ना ले, मुझे अपने दिल मे रख, बेशक मेरा नाम ना ले❗

अपने दिल की सुन, अफवाहों से काम ना ले, मुझे अपने दिल मे रख, बेशक मेरा नाम ना ले❗

ज़ुबां का जब सहारा मिलता हैं, अफवाहों को उनका किनारा मिलता हैं।

ज़ुबां का जब सहारा मिलता हैं, अफवाहों को उनका किनारा मिलता हैं।

पूछा जो उसने इश्क क्या है? हमने भी कह दिया बस एक अफवाह जो उडती रहती है तुम्हारे और मेरे दरमियां।

पूछा जो उसने इश्क क्या है? हमने भी कह दिया बस एक अफवाह जो उडती रहती है तुम्हारे और मेरे दरमियां।

अफवाह थी कि मेरी तबीयत खराब है, लोगो ने पूछ-पूछ कर बीमार कर दिया।

अफवाह थी कि मेरी तबीयत खराब है, लोगो ने पूछ-पूछ कर बीमार कर दिया।

हमारी अफवाह के धुंए वही से उठते है, जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है।

हमारी अफवाह के धुंए वही से उठते है, जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है।

अब ये अफवाह कौन फैला रहा है कि, Fb रोटी तो नहीं पर रोटी बनाने वाली तो दे ही सकती है।

अब ये अफवाह कौन फैला रहा है कि, Fb रोटी तो नहीं पर रोटी बनाने वाली तो दे ही सकती है।

मैंने अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी, दुश्मन भी कह उठे आदमी अच्छा था।

मैंने अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी, दुश्मन भी कह उठे आदमी अच्छा था।

शहर में एक अफवाह सी है कि आज भी तुझे मेरी परवाह सी है।

शहर में एक अफवाह सी है कि आज भी तुझे मेरी परवाह सी है।

अफवाह सुनकर बदनाम मत कीजिए समझना है तो एक बार मुलाकात कीजिए।

अफवाह सुनकर बदनाम मत कीजिए समझना है तो एक बार मुलाकात कीजिए।

 इंतजार अक्सर वही अधूरे रह जाते है, जो बहुत शिद्दत से किए जाते है।।

इंतजार अक्सर वही अधूरे रह जाते है, जो बहुत शिद्दत से किए जाते है।।

मुश्किल वक़्त में अक्सर लोग बदल जाते हैं, चलते चलते अपनी राह निकल जाते हैं

मुश्किल वक़्त में अक्सर लोग बदल जाते हैं, चलते चलते अपनी राह निकल जाते हैं

कुछ कहानियाँ अक्सर अधूरी रह जाती हैं, कभी पन्ने कम प़ड़ जाते हैं, तो कभी स्याही सूख जाती हैं।

कुछ कहानियाँ अक्सर अधूरी रह जाती हैं, कभी पन्ने कम प़ड़ जाते हैं, तो कभी स्याही सूख जाती हैं।

 ज़रूरतें रोज़ दंगे करती है घर में, रिश्तों में अक्सर कर्फ्यू लग जाते है।

ज़रूरतें रोज़ दंगे करती है घर में, रिश्तों में अक्सर कर्फ्यू लग जाते है।

वो पूछती थी अक्सर मैं ही नहीं समझा, हम किसी और के हो जाए तो क्या करोगे।

वो पूछती थी अक्सर मैं ही नहीं समझा, हम किसी और के हो जाए तो क्या करोगे।

गरीब बांट लेते हैं ईमानदारी से अपना हिस्सा, अमीरी अक्सर इंसान को बेईमान बना देती है।

गरीब बांट लेते हैं ईमानदारी से अपना हिस्सा, अमीरी अक्सर इंसान को बेईमान बना देती है।

ये दुनिया अक्सर सस्ते में उन्हें लूट लेती है, खुद की क़ीमत का जिन्हें अन्दाज़ा नहीं होता।

ये दुनिया अक्सर सस्ते में उन्हें लूट लेती है, खुद की क़ीमत का जिन्हें अन्दाज़ा नहीं होता।