उल्फ़त का है मज़ा कि 'असर' ग़म भी साथ हों, तारीकियाँ भी साथ रहें रौशनी के साथ । - Andhera Shayari

उल्फ़त का है मज़ा कि 'असर' ग़म भी साथ हों, तारीकियाँ भी साथ रहें रौशनी के साथ ।

Andhera Shayari