मेरे नशेमन में किसी तरह का अंधेरा नहीं है, उस ख़्वाब में न जी पाऊंगा जो मेरा नहीं है। - Andhera Shayari

मेरे नशेमन में किसी तरह का अंधेरा नहीं है, उस ख़्वाब में न जी पाऊंगा जो मेरा नहीं है।

Andhera Shayari